मिलावट के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही जारी रहे,जनहित में यह सबसे बड़ा कार्य


मुख्य सचिव संभागीय समीक्षा बैठक में बोले


मिलावट के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही जारी रहे,जनहित में यह सबसे बड़ा कार्य


उज्जैन । खाद्य पदार्थों में मिलावट का कार्य जघन्य अपराध की श्रेणी का है। ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध जितनी भी बड़ी कार्यवाही की जाये, कम है। प्रदेश के मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहन्ती ने रविवार को उज्जैन में संभागीय समीक्षा के दौरान यह बात सभी कलेक्टर्स और जिला पंचायत सीईओं के समक्ष कही। उन्होंने संभाग के सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि वे मिलावट के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही निरन्तर जारी रखें। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी के विरूद्ध निरन्तर प्रभावी कार्यवाही की जाना चाहिये, न कि दिखावटी।


 मुख्य सचिव ने कहा कि पहले कई सालों से इस विषय पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और एजेन्सियां भी लापरवाह हो गई। धीरे-धीरे हमें इस दृष्टिकोण को बदलना होगा। मिलावटखोरी मानवता के विरूद्ध जघन्य अपराध है। इसके विरूद्ध कार्य मानवता की सबसे बड़ी सेवा होगी और हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से यदि मिलावटखोरों के बारे में संचार माध्यम से आमजन में जानकारी फैलेगी तो लोग जागरूक होकर स्वयं शिकायत लेकर आयेंगे।


मुख्य सचिव ने कहा कि न केवल दूध एवं दूध से बने पदार्थों, बल्कि मसालों, फलों में कार्बाईड का उपयोग, तेल घी में मिलावट, दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिये ऑक्सीटोसिन आदि का उपयोग भी मिलावट की श्रेणी में आता है, इन पर भी जिला मजिस्ट्रेट्स को सख्ती से कार्यवाही करना चाहिये। आमजन को यह लगना चाहिये कि सरकार उनके हित में बड़ा काम कर रही है और मिलावट करने वाले समाज के सबसे बड़े अपराधी हैं। इनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में तगड़ी कार्यवाही की जाना चाहिये। मुख्य सचिव ने सेम्पल की जांच में तेजी लाने, प्रयोगशालाओं में वृद्धि करने एवं प्रयोगशाला में उपयोग होने वाले रिएजेन्ट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये शीघ्र ही कार्यवाही करने की बात कही है। मुख्य सचिव ने आज उज्जैन संभाग के सभी जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक लेकर संभाग के विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।


शुरूआत वर्षा एवं फसल की स्थिति से -


 


बैठक के प्रारम्भ में मुख्य सचिव ने संभाग में वर्षा की स्थिति, सोयाबीन फसल में हो रहे अफलन एवं रबी की तैयारियों को लेकर चर्चा की। बैठक में बताया गया कि संभाग में सोयाबीन की फसल में अधिकांश 9560 वेरायटी बोई जाती है, जो कि 90 दिन में तैयार हो जाती है, किन्तु इस बार वर्षा अधिक होने से इस फसल में नुकसान है। मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर्स को नुकसान का सही-सही आंकलन करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में रबी फसल की तैयारी के लिये खाद-बीज की आवश्यकता की समीक्षा की गई। कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि युरिया को छोड़कर बीज एवं समस्त रासायनिक खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। युरिया 16 रैक की आवश्यकता होगी, जिसमें अक्टूबर से रैक की आवक प्रारम्भ होने की उम्मीद जताई जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री कार्यालय से आने वाले प्रकरणों के निराकरण एवं आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आने वाले प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया जाये तथा ऐसे मामले जिनका निराकरण संभव नहीं है, उनके बारे में स्पष्ट रूप से वरिष्ठ कार्यालय को लिखा जाये। मुख्य सचिव ने आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के बारे में सभी कलेक्टर्स से फीडबैक लिया तथा निर्देश दिये कि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिये जिला स्तर से भी नवाचार करते हुए अधिक से अधिक गांवों में कार्यक्रम आयोजित किया जाये और आम जनता की समस्या का निराकरण किया जाये।


वाट्सअप पर कलेक्टरी न करें, मौके पर जायें-


मुख्य सचिव ने संभाग के सभी कलेक्टर्स को कहा है कि वे वाट्सअप पर आदेश-निर्देश जारी करने एवं रिपोर्ट भेजने की बजाय मौके पर जाकर आम जनता से मिलें और उनकी समस्याओं को समझकर उसका निराकरण करें। उन्होंने कहा कि कलेक्टर मूलत: राजस्व के अधिकारी होते हैं, इसलिये राजस्व से सम्बन्धित सभी शिकायतें एवं कार्यों पर उनकी पकड़ होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पटवारी, तहसीलदार को भी ग्रामीण क्षेत्र में भेजकर बंटवारा, सीमांकन, नामांतरण एवं भू-अधिकार पुस्तिका वितरण आदि का कार्य प्राथमिकता से करवायें, जिससे कि आमजन में असंतोष न पनपे। मुख्य सचिव ने बैठक में राजस्व प्रकरणों के निराकरण, नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन आदि के मामलों में उज्जैन संभाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कहा है कि दो से पांच वर्ष के लम्बित प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाये।