नागदा के नितेश हत्याकांड का 16 माह बाद खुलासा

नागदा के नितेश हत्याकांड का 16 माह बाद खुलासा


-क्लीनिक पर साथ में काम करने वाले युवकों ने गला घोंटकर की थी हत्याबोरे में भरकर फेंक दी थी लाश


उज्जैन। करीब 16 माह पहले नागदा में हुए 19 वर्षीय नितेश चौहान के अंधे कत्ल का आखिरकार पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। आरोपी मृतक के साथी ही हैं जो उसके साथ क्लीनिक पर काम करते थे। पुलिस ने हत्याकांड के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


शनिवार को पुलिस कप्तान सचिन अतुलकर ने अंधे कत्ल का खुलासा किया। उनके अनुसार नागदा में 11 जून  2018 को उन्हेल बायपास रोड पर ब्रिज के समीप बोरे में बंधी एक युवक की लाश मिली थी सूचना पर पुलिस ने लाश को बरामद किया था। बाद में उसकी शिनाख्त नितेश चौहान पिता गोविंद चौहान निवासी 56 ब्लॉक नागदा के रूप में हुई थी जो आस्था क्लीनिक पर काम करता था। शुरुआत में पुलिस ने मृतक की दुश्मनी और अफेयर के बिंदुओं पर जांच की। जांच के बाद भी जब पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला तो टीआई श्यामचंद्र शर्मा को इस हत्याकांड की जांच और बारीकी से करने के निर्देश दिए। इस पर जांच टीम ने इस बात पर फोकस किया कि आखिर हत्या से ठीक पहले मृतक की क्या लोकेशन थी और उसके साथ कौन लोग थे। जांच में पुलिस को पता चला कि मौत से पहले मृतक नितेश आस्था क्लीनिक पर था जहां पर वह काम करता था। इस पर पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी फुटेज चेक किए। घटना वाले दिन के कुछ फुटेज पुलिस को गायब मिले। बारीकी से फुटेज चेक करने पर पुलिस को दूध की एक थैली दिखाई दी जिससे पुलिस को साफ हो गया कि मृतक क्लीनिक से पहले दूध की थैली लेने गया और फिर वापस क्लीनिक पर आया था। इस पर पुलिस ने क्लीनिक पर उसी के साथ काम करने वाले राजेश गेहलोत और जगदीश बैरागी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की तो सच सामने आ गया। दरअसल मृतक नितेश के साथ काम करने वाले राजेश गेहलोत की नितेश की मौसी की लड़की से फेसबुक पर दोस्ती हो गई थी।बाद में राजेश ने नितेश के मोबाइल से उसकी मौसी की लड़की का नंबर लेकर उससे बातचीत शुरू कर दी। जैसे ही नितेश को इस बात का पता चला तो नितेश ने राजेश की लू उतार दी और उसे चेतावनी दी कि अगर उसने आइंदा मौसी की लड़की से बात की या फोन किया तो उसके लिए ठीक नहीं होगा। इसी बात को लेकर राजेश ने मन में गांठ बांध ली और नितेश को रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया । राजेश ने क्लीनिक पर ही साथ काम करने वाले जगदीश को साथ मिलाकर नितेश को उस समय मौत के घाट उतार दिया जब क्लीनिक की छत पर सिगरेट पीने गया था । दोनों ने मिलकर उसका गमछे से गला घोंट दिया और उसकी लाश एक बोरे में भरकर जगदीश की  बाइक से नागदा उन्हेल मार्ग पर फेंक दी। पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर के मुताबिक आरोपी चार-पांच दिन पहले से नितेश की हत्या की प्लानिंग कर रहे थे और उन्होंने इसके लिए एक बारदान की दुकान से 60 रूपए में टाट का बोरा खरीदकर क्लीनिक पर रख लिया था। हत्या के बाद मृतक की लाश उसी बोरे में भरकर फेंकी गई।मृतक के हेड फोन की केबल से बोरे का मुंह बांधकर उसे नीचे लाए फिर लाईट एवं कैमरा बंद कर बोरे में बंद शव को क्लिनिक के पिछले दरवाजे से ले जाकर फेंक आए। पुलिस कप्तान ने अंधे कत्ल के इस प्रकरण  के खुलासे के लिए टीआई श्यामचंद्र शर्मा एवं पुलिस टीम को रूपए 25हजार  का इनाम दिया है।