कोरोनावायरस ने वैश्विक महामारी का रूप ले लिया है। इस वायरस के चलते विश्व में अब तक 30000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं। वहीं 4 लाख के करीब संक्रमित पाए गए हैं। विश्व के सारे वैज्ञानिक मिलकर भी अभी इस वायरस का कोई एन्टी डोज नहीं बना पाए हैं। फिलहाल इससे बचाव ही इसका समाधान नजर आ रहा है। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जंग को जीतने के लिए देशवासियों से 21 दिन का लॉकडाउन करने का आग्रह किया था। देश की जनता व प्रशासनिक मशीनरी इस लाक डाउन को सफल बनाने के लिए दिल जान से जुटे हुए हैं। हमारे देश में इस बीमारी को लेकर अत्यधिक डर बना हुआ है। इसकी वजह हमारी आबादी का घनत्व है। 135 करोड़ की आबादी वाले देश में इस बीमारी से लड़ना इतना आसान नहीं था। इसी को मद्देनजर रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से लॉकडाउन को सफल बनाने की अपील की। इस पर अमल करते हुए देश की सभी राजनीतिक पार्टियों और देश की जनता ने कोरोनावायरस को हराने के लिए जी जान एक कर दिए हैं। इसमें हमें अभी आंशिक सफलता देखने को मिल रही हैं। लॉक डाउन से लेकर आज दिनांक तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए कोरोना संक्रमण में कमी पाई गई हैं। हमारे देश की आबादी से कम आबादी वाले देशों में यह महामारी 4 गुना रफ्तार से बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं वही हमारे देश में लॉक डाउन के बाद इस बीमारी की वृद्धि दर में कमी देखी गई हैं।
बीते 8 दिनों के कोरोना केस की समीक्षा करे तो आँकड़े इस प्रकार हैं--
1. 21मार्च ( 283 केस ) -
22 मार्च ( 396 केस )
वृद्धि 39.92 %f
2. 22 मार्च ( 396 केस ) -
23 मार्च ( 468 केस )
वृद्धि 18.18 %
3. 23 मार्च ( 468 केस ) -
24 मार्च ( 566 केस )
वृद्धि 23.43 %
4. 24 मार्च ( 566 केस ) -
25 मार्च ( 645 केस )
वृद्धि 13.95 %
5. 25 मार्च ( 645 केस ) -
26 मार्च ( 720 केस )
वृद्धि 11.62 %
6. 26 मार्च ( 720 केस ) -
27 मार्च ( 886 केस )
वृद्धि 12.30 %
7. 27 मार्च ( 886 केस ) -
28 मार्च ( 991 केस )
वृद्धि 12 .10 %
8. 28 मार्च ( 991 केस ) -
29 मार्च ( 1040 केस )
वृद्धि 5 .10 % यह स्थिति 29 मार्च दोपहर 12 बजे तक की है ।
कोरोना के केस के प्रतिशत में आई गिरावट लाक डाउन का नतीजा है। अगर हम लाक डाउन का पूर्ण रुप से पालन करें तो इस महामारी से बच सकते हैं , इसलिए ध्यान रहे घर पर रहे और सिर्फ घर पर रहे केवल हम सरकार व प्रशासन पर निर्भर ना रहे केवल घर पर रहकर हम सबका बचाव कर सकते हैं। क्योकि इससे बचाव ही इसका इलाज हैं।