कोरोना महामारी संकट में भी सार्थक पत्रकारिता को सलाम -- राजेश तलवाड़

देश में कोरोना संकट में भी सार्थक पत्रकारिता करने वाले देश के सभी पत्रकारों को सलाम है। जो इस संकट में भी ग्राउंड लेवल पर अपनी जान जोखिम में डालते हुए पत्रकारिता का दायित्व निभा रहे है। यह शब्द हिन्दू नौजवान सभा के प्रदेश अधक्ष्य राजेश तलवाड़ ने अंतर्राष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहते हुए देश के पत्रकारों को शुभकामनाएं दी है। तलवाड़ ने कहा कि पूरी दुनिया में पत्रकारिता के सम्मान और स्वतंत्रता के साथ सुरक्षा की सुनिश्चितता के उद्देश्य से विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।मीडिया लोकतंत्र का चौथा और सशक्त स्तंभ माना जाता है। भारतीय संविधान में भी प्रेस की स्वतंत्रता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में मूल अधिकारों के अंतर्गत शामिल किया गया है। तलवाड़ ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में मीडिया संस्थानों का महत्व अधिक होने के साथ ही उनके लिए चुनौतियां भी अधिक हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का दायित्व बहुत अधिक हो जाता है,जब पूरा विश्व कोरोना महामारी जैसे संकट से उबरने की कोशिश में लगा हो। और सभी पत्रकार इस आपदा की घड़ी में हिम्मत और जवाबदारी से कर्तव्य का निर्वहन कर रहे है। जिसके वह बधाई के पात्र है। वहीं दूसरी तरफ  पत्रकारों पर हो रहे हमले देश के लोकतंत्र के लिए कहीं न कहीं खतरे की घंटी हैं। और इसको रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा अधिनियम  बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इसे लिखने और बोलने की छूट संविधान ने दी है,परन्तु मौजूदा समय में अनेकों पत्रकार अपने फर्ज पर चलते हुए जान से हाथ धो बैठे हैं। तलवाड़ ने कहा कि प्रेस राजनीतिक लोगों को जवाबदेह बनाती है और भ्रष्ट तथा अपराधी प्रवृति के लोगों के लिए डर का कारण बनती है,जो देश की लोकतांत्रिक अहमियत को बनाए रखने के लिए जरुरी है।उन्होंने कहा कि प्रेस को अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए, चाहे इसके लिए कितनी भी बड़ी बलि क्यों न करनी पड़े।तलवाड़ ने कहा कि सचई लिखते लिखते शहीद हुए पत्रकारों का देश की एकता और अखंडता को कायम रखने के लिए दिया गया बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।उन्होने कहा कि प्रेस की आजादी के साथ ही देश की आजादी कायम रह सकती है।